अपने अंतस की ज्वाला का परिचय तुमसे करवाने को,
मैंने यह प्रणय गीत लिखा हे प्रिय तुम्हे बतलाने को !
इश्वर ने नई कल्पना से इस मुखड़े को आकार दिया,
अधरों पर तिल का अंकन कर इस यौवन का श्रृंगार किया,
मदमाती यौवन गंधों से जीवन बगिया महकाने को,
मैंने यह प्रणय गीत लिखा हे प्रिय तुम्हे बतलाने को....
पाकर तेरा स्पर्श सदा होता तन मन में स्पंदन,
तेरी निश्छल मुस्कानों से मिलता जीवन को उदबोधन,
अपने जीवन की धड़कन का स्पंदन तुझे सुनाने को,
मैंने यह प्रणय गीत लिखा हे प्रिय तुम्हे बतलाने को....
तुम निकट रहो या दूर तुम्हारी उष्मा का आभास रहे,
मैं पियूं कोई भी नीर किंतु अधरों पर तेरी प्यास रहे,
अपने नैनों के दर्पण में श्रृंगार तेरा करवाने को,
मैंने यह प्रणय गीत लिखा हे प्रिय तुम्हे बतलाने को....
अपने बंधन में बाँध तुम्हे मैं तुम से ही छल कर बैठा,
निज स्वार्थ सिद्ध करने के लिए मैं प्रणय निवेदन कर बैठा,
अपने अक्षम अपराधों में निज को दण्डित करवाने को,
मैंने यह प्रणय गीत लिखा हे प्रिय तुम्हे बतलाने को....
जीवित रहने को समझा था मैंने जीवन की परिभाषा,
तुमसे मिलकर जागी मेरे अन्दर जीवन की अभिलाषा,
तुमको ही अपने जीवन का निर्धारित लक्ष्य बनाने को,
मैंने यह प्रणय गीत लिखा हे प्रिय तुम्हे बतलाने को....
मैंने यह प्रणय गीत लिखा हे प्रिय तुम्हे बतलाने को !
इश्वर ने नई कल्पना से इस मुखड़े को आकार दिया,
अधरों पर तिल का अंकन कर इस यौवन का श्रृंगार किया,
मदमाती यौवन गंधों से जीवन बगिया महकाने को,
मैंने यह प्रणय गीत लिखा हे प्रिय तुम्हे बतलाने को....
पाकर तेरा स्पर्श सदा होता तन मन में स्पंदन,
तेरी निश्छल मुस्कानों से मिलता जीवन को उदबोधन,
अपने जीवन की धड़कन का स्पंदन तुझे सुनाने को,
मैंने यह प्रणय गीत लिखा हे प्रिय तुम्हे बतलाने को....
तुम निकट रहो या दूर तुम्हारी उष्मा का आभास रहे,
मैं पियूं कोई भी नीर किंतु अधरों पर तेरी प्यास रहे,
अपने नैनों के दर्पण में श्रृंगार तेरा करवाने को,
मैंने यह प्रणय गीत लिखा हे प्रिय तुम्हे बतलाने को....
अपने बंधन में बाँध तुम्हे मैं तुम से ही छल कर बैठा,
निज स्वार्थ सिद्ध करने के लिए मैं प्रणय निवेदन कर बैठा,
अपने अक्षम अपराधों में निज को दण्डित करवाने को,
मैंने यह प्रणय गीत लिखा हे प्रिय तुम्हे बतलाने को....
जीवित रहने को समझा था मैंने जीवन की परिभाषा,
तुमसे मिलकर जागी मेरे अन्दर जीवन की अभिलाषा,
तुमको ही अपने जीवन का निर्धारित लक्ष्य बनाने को,
मैंने यह प्रणय गीत लिखा हे प्रिय तुम्हे बतलाने को....