हादसा ये भी कर के देख लिया,
हमने थोडा सा मर के देख लिया.
सिमट के खुद में कहाँ तक जीते,
रोज़ थोड़ा बिखर के देख लिया.
दिल की परवाज़ अब भी जारी है,
पंख हमने क़तर के देख लिया.
कितना पानी है समंदर में अभी,
लो हथेली में भर के देख लिया.
उसकी यादें ही दफ्न थीं दिल में,
हमने गहरे उतर के देख लिया.
क्यूँ ज़माने से खौफ खाते हो,
मत डरो, हमने डर के देख लिया.
हमने थोडा सा मर के देख लिया.
सिमट के खुद में कहाँ तक जीते,
रोज़ थोड़ा बिखर के देख लिया.
दिल की परवाज़ अब भी जारी है,
पंख हमने क़तर के देख लिया.
कितना पानी है समंदर में अभी,
लो हथेली में भर के देख लिया.
उसकी यादें ही दफ्न थीं दिल में,
हमने गहरे उतर के देख लिया.
क्यूँ ज़माने से खौफ खाते हो,
मत डरो, हमने डर के देख लिया.