Thursday, March 29, 2012

ग़ज़ल...


ढका छिपा हुआ सा हूँ, खुला कहाँ हूँ मैं,
अभी तो पाँव उठा है, चला कहाँ हूँ मैं.

वजह सैलाब की और कुछ रही होगी,
अभी ज़रा भी जगह से हिला कहाँ हूँ मैं.

बंद पुड़िया हूँ, खुशबु कहाँ से आएगी,
कपूर बन के थाल में जला कहाँ हूँ मैं.

अभी तो प्यास बुझाने का ज़ौक बाकी है,
समंदर से अभी तक मिला कहा हूँ मैं.

Thursday, March 22, 2012

दिवाना हूँ मुहब्बत..


दिवाना हूँ मुहब्बत का मेरी फितरत भी ऐसी है,
मुहब्बत का सताया हूँ, मुहब्बत लत भी ऐसी है,
तू अक्सर प्यार करना भूलता है, मैं तड़पता हूँ,
तेरी फितरत है कुछ ऐसी, मेरी आदत भी ऐसी है.

Friday, March 16, 2012

कुर्बत....


बने धड़कन तू इस दिल की लबों की प्यास हो जाये,
मुझे अपनी छुअन में भी तेरा एहसास हो जाये,
मोहब्बत के पलों में दूरियां ऐसे मिटें की फिर,
दिखाई भी ना दे, इतना तू मेरे पास हो जाये.

Wednesday, March 7, 2012

होली की शुभकामनाओं के साथ...




सच्ची इबारत प्यार की वो है जिसमे शिकायत हो शामिल,

थोड़ी मोहब्बत हो उसमे और थोड़ी शरारत हो शामिल,

होली को तैयार हैं हम भी शर्त मगर इतनी सी है,

रंग हो ऐसा जिसमे उसके हुस्न की रंगत हो शामिल

Monday, March 5, 2012

कुछ लफ्ज़ हैं सोये यहाँ काले लिबास में



घूँट घूँट.. कर के लो या एक सांस में,
जिंदगी पियो.. कांच के गिलास में.

आँख मूँद कर तुझे महसूस कर लिया,
कोई नहीं था जब हमारे आस पास में.

चादरें कागज़ की हैं, धीरे से उलटना,
कुछ लफ्ज़ हैं सोये यहाँ काले लिबास में,

मुड़ा हुआ मिला है डायरी का जो सफा,
नाम है मेरा भी उसी सफे ख़ास में.

ये हि सोच कर चुराई मूर्ती उसने,
तालाब नहीं सूखते पंछी की प्यास में.