रस्मे उल्फत ज़रा निभाए तो
हमें आवाज़ दे बुलाये तो।
ख्वाब देखेंगे रात भर तेरे
तेरे बगैर नींद आये तो।
रियाया साथ में खड़ी होगी
सियासत हौसला दिखाये तो।
एक डिग्री है वो बी ए की बस
कभी कहीं पे काम आये तो
हथेलियों में चाँद पी लेंगे
वक़्त ये मोजिज़ा दिखाये तो।
दवाई नींद की ही लेता है
कभी हमें भी आज़माये तो।
थकन उतर ही जायेगी मेरी
उँगलियाँ पीठ पे फिराए तो।
कई जुगनू हैं मेरी मुट्ठी में
चराग, ये हवा बुझाये तो
हमें आवाज़ दे बुलाये तो।
ख्वाब देखेंगे रात भर तेरे
तेरे बगैर नींद आये तो।
रियाया साथ में खड़ी होगी
सियासत हौसला दिखाये तो।
एक डिग्री है वो बी ए की बस
कभी कहीं पे काम आये तो
हथेलियों में चाँद पी लेंगे
वक़्त ये मोजिज़ा दिखाये तो।
दवाई नींद की ही लेता है
कभी हमें भी आज़माये तो।
थकन उतर ही जायेगी मेरी
उँगलियाँ पीठ पे फिराए तो।
कई जुगनू हैं मेरी मुट्ठी में
चराग, ये हवा बुझाये तो